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خط ۱۲: |
خط ۱۲: |
| | سبک = | | | سبک = |
| | زبان = | | | زبان = |
| | مترجم = بنیاد بعثت | | | مترجم = |
| | ویراستار = | | | ویراستار = |
| | به تصحیح = | | | به تصحیح = |
خط ۲۴: |
خط ۲۴: |
| | طراح جلد = | | | طراح جلد = |
| | ترجمه به دیگر زبانها = | | | ترجمه به دیگر زبانها = |
| | ناشر = | | | ناشر = بنیاد بعثت |
| | محل نشر = | | | محل نشر = |
| | تاریخ نشر = | | | تاریخ نشر = |
خط ۵۲: |
خط ۵۲: |
| این کتاب ترجمه تمام جلدهای یازده گانۀ «الغدیر فی الکتاب و السنة و الأدب» علامه امینی به فارسی است که توسط مترجمان متعددی در بیست و دو جلد انجام گرفته و از نظر تنظیم جلدها با «الغدیر» متفاوت و گاهی جلدی از ترجمه تا اواسط جلدی از الغدیر رسیده و جلد بعدی از آنجا به بعد است. | | این کتاب ترجمه تمام جلدهای یازده گانۀ «الغدیر فی الکتاب و السنة و الأدب» علامه امینی به فارسی است که توسط مترجمان متعددی در بیست و دو جلد انجام گرفته و از نظر تنظیم جلدها با «الغدیر» متفاوت و گاهی جلدی از ترجمه تا اواسط جلدی از الغدیر رسیده و جلد بعدی از آنجا به بعد است. |
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| == مشخصات و محتوای جلد اول: ==
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| مترجم: سید محمد تقى واحدی.
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| تصحیح و مقابله: سید هادی سینا.
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| چاپ اول:جامعه تعلیمات اسلامي، ۱۳۸۱ ق، ١٣٤٠ ش.
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| چاپ دوم:
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| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، الغدیر، تهران.
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| چاپ چهارم:
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| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، ۱۳۶۵ ش.
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| چاپ پنجم:
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| همان، ۱۳۶۹ ش.
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| چاپ ششم:
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| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۷۶ ش.
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| شابک: ٣ - ٠٥٢-٣٠٩ - ٩٦٤.
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| وزیری، ٤١٨ ص.
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| '''این جلد شامل'''
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| * مقدمه ای مفصل در صد و هفتاد و چهار صفحه است:
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| در این مقدمه ابتدا مطالبی درباره ولایت امیرالمؤمنین علیه السلام آمده و سپس نامه های تقریظ از سلاطین و علما بر الغدیر ترجمه شده و اشعاری از شعرای عرب و فارس در مدح الغدیر ذکر گشته و نهایتاً اقداماتی که به عنوان تشکیل مکتب های الغدیر برای تدریس آن در ایران و خارج از ایران انجام شده ذکر شده است.
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| برای آنکه یک دور کامل مندرجات الغدیر برای خواننده روشن باشد، فهرستی از مطالب یازده جلد عربی کتاب الغدیر برای خوانندگان ترسیم شده است.
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| سپس به کتبی که درباره حدیث غدیر تالیف شده اشاره نموده و بعد از آن مطالبی در شرح حال علامه امینی آورده شده است.
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| بعد از آن اهمیت و خصوصيات كتاب الغدیر مطرح شده و در خاتمه ترجمة الغدير توضيح داده شده و متذکر شده که «جامعۀ تعليمات اسلامی» به این مهم اقدام نموده است و ذیل آن را آقای واحدی به تاریخ ماه صفر سال ۱۳۸۱ ق امضا کرده است.
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| * پس از مقدمه، ترجمه جلد اول الغدیر آغاز شده و تا پایان این جلد ۳۶۰ نفر از راویان حدیث غدیر را آورده است.
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| == مشخصات و محتوای جلد دوم ==
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| مترجم:سید محمد تقى واحدی.
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| تصحیح و مقابله:سید هادی سینا.
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، الغدیر، تهران.
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| وزیری ۴۰۸ ص.
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| چاپ پنجم:
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، ۱۳۶۹ ش.
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| چاپ ششم:
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| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۷۶ ش.
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| شابک ۰- ٠٥٢-٣٠٩ - ٩٦٤.
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| وزیری، ٤١٢ ص.
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| کارنامه نشر: سال ۷۶: بخش دین ص ۸۳.
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| این جلد از اول مناشده و احتجاج با حدیث غدیر آغاز شده و سپس بحث غدیر در قرآن و عید غدیر در اسلام و سخنی چند پیرامون حدیث غدیر آورده شده است.
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| بعد از آن درباره مفاد حدیث غدیر مطالبی آمده، و تا بحث انتقاد از ابن کثیر جلد دوم پایان یافته است.
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| == مشخصات و محتوای جلد سوم ==
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| مترجم:سید محمد تقی واحدی.
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| |
| تصحیح:محمد باقر بهبودی.
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، الغدیر، تهران.
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| وزیری، ۳۲۸ ص.
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| |
| چاپ دوم: ۱۳۶۲ ش.
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| |
| چاپ دیگر:
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| |
| بنیاد بعثت، تهران،۱۳۶۷ ش.
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| وزیری، ۲۳۸ ص.
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| در این جلد بخش شعرای غدیر آغاز می شود و از شعرای قرن اول تا محمد حمیری ذکر گردیده است.
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| == مشخصات و محتوای جلد چهارم ==
| |
| مترجم:علی شیخ الاسلامی.
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران.
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| |
| وزیری، ٣٠٤ ص.
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| |
| چاپ سوم: ۱۳۶۲ ش.
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| |
| چاپ دیگر:
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| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۹۷ ش.
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| |
| وزیری، ۲۹۹ ص.
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| چاپ هفتم:
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| |
| همان ۱۳۷۹ ش.
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| وزیری، ۳۲۰.
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| شابک: ٠-٢٨٦ - ٣٠٩ - ٩٦٤.
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| کارنامه نشر: سال ۱۳۷۹ ش: ص ۱۹۶.
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| این جلد از شعرای قرن دوم آغاز می شود و به شعرای قرن سوم می رسد و تا دعبل در این جلد ذکر شده است.
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| == مشخصات و محتوای جلد پنجم ==
| |
| مترجم:جمال الدین موسوی.
| |
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| |
| تصحیح:محمد باقر بهبودی.
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، الغدیر، تهران.
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| چاپ دوم: ١٣٦٢.ق.
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| |
| چاپ دیگر:
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| بنیاد بعثت ،تهران، ۱۳۶۷ش.
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| وزیری، ٣٦٤ ص.
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| این جلد بقیه شعرای قرن سوم را از ابو اسماعیل علوی آغاز کرده و تا پایان شعرای این قرن آورده، و سپس قسمتی از شعرای قرن چهارم را ذکر کرده است.در این جلد مباحث بسیاری درباره منکرین فضائل اهل بیت علیهم السلام و نمونه هایی از موارد انکارشان ذکر شده است و تا انکار حدیث ولایت و پاسخ آن مطلب پیش رفته است.
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| == مشخصات و محتوای جلد ششم ==
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| مترجم:جمال الدین موسوی.
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| کتابخانۀ بزرگ اسلامی، تهران، ۱۳۵۳ ش.
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| وزیری ۲۲۲ ص.
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| چاپ دوم: ١٣٦٢ ش.
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| |
| چاپ دیگر:
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| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۶۷ ش.
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| |
| وزیری، ۳۱۹ ص.
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| چاپ سوم:
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| |
| همان ۱۳۷۰ ش.
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| وزیری، ۳۲۲ ص.
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| چاپ ششم:
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، ۱۳۶۹ ش.
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| وزیری،۳۶۳ص.
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| |
| چاپ دیگر:
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| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۷۶ش.
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| کارنامه نشر:۷۶بخش دین۸۲.
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| در این جلد ابتدا مقدمه ای از مترجم در نقش الغدير در شناخت منابع اصیل فکر اسلامی آمده و سپس بقیه شعرای قرن چهارم از بحث انتقادی دربارۀ کتاب «البداية والنهاية» آغاز شده و تا ابو فراس حمدانی ذکر شده است.
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| == مشخصات و محتوای جلد هفتم ==
| |
| مترجم:محمد باقر بهبودی.
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| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، ۱۳۵۸ ش، ١٩٧٦م.
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| چاپ دوم: ۱۳۹۳ ش.
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| چاپ سوم:
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| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۷۰ ش.
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| |
| چاپ دیگر: همان ۱۳۶۷ ش.
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| |
| چاپ دیگر: همان ۱۳۷۶ ش.
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| |
| وزیری، ۳۵۲ ص.
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| |
| کارنامه نشر: ۷۶ بخش دین ۸۲.
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| در این جلد بقیه شعرای قرن چهارم از «کشاجم» شروع شده و پس از پایان شعرای قرن چهارم، قرن پنجم را ذکر کرده و تا شریف رضی در این جلد ذکر شده است.
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| == مشخصات و محتوای جلد هشتم ==
| |
| مترجم:محمد باقر بهبودی.
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| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، ۱۳۵۶ ش، ۱۹۸۸م.
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| |
| چاپ سوم:۱۳۶۳ ش.
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| چاپ چهارم:
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| |
| بنیاد بعثت، ۱۳۷۰ ش.
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| وزیری، ۲۸۸ ص.
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| این جلد بقیه شعرای قرن پنجم از ابو محمد صوری شروع شده و پس از اتمام قرن پنجم شعرای قرن ششم تا عمارۀ یمنی ذکر شده است.
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| == مشخصات و محتوای جلد نهم ==
| |
| مترجم:زین العابدین قربانی.
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| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، الغدیر، تهران، ۱۳۵۳ ش.
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| وزیری، ٣٤٦ ص.
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| |
| چاپ سوم:
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، ۱۳۶۳ ش.
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| |
| چاپ چهارم:
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| |
| بنیاد بعثت ۱۳۷۰ ش.
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| وزیری، ٣٤٦ ص.
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| این جلد بقیه شعرای قرن ششم از سید محمد اقساسی شروع شده و قسمت اعظم آن دربارۀ علم غيب ائمه علیهم السلام وزیارت قبور است.
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| == مشخصات و محتوای جلد دهم ==
| |
| مترجم:زین العابدین قربانی.
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| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، ۱۳٥٤ ش.
| |
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| چاپ سوم: همان ۱۳۱۳ ش.
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| |
| چاپ چهارم:
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| |
| بنیاد بعثت ،تهران، ۱۳۷۰ ش.
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| |
| چاپ پنجم: همان ۱۳۷۵ ش.
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| وزیری، ۳۶۰ ص.
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| کارنامه نشر: ۷۵ بخش دین ۸۰.
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| این جلد در معرفی جاعلین احادیث و بحث درباره جعل و تحریف است.
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| در اواخر این جلد شعرای قرن هفتم آغاز می شود، و تا بهاءالدین اربلی پایان می یابد.
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| == مشخصات و محتوای جلد یازدهم ==
| |
| مترجم:محمد شریف رازی.
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| چاپ اول:
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، بنیاد بعثت، تهران، اول، ۱٤٠٣ ق، ۱۳۶۱ ش.
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| |
| چاپ دیگر:
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| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۶۷ ش.
| |
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| وزیری ٤٠٤ ص.
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| |
| در این جلد ابتدا چند تقریظ ترجمه شده و سپس شعرای غدیر در قرن هشتم ذکر شده است.
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| در این جلد عجایب بی پایه از نمونه های اظهار علم عمر و... بیان شده است.
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| == مشخصات و محتوای جلد دوازدهم ==
| |
| مترجم:محمد شریف رازی.
| |
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران بنیاد بعثت، تهران، ۱۴۰۳ ق، ١٣٦١ ش.
| |
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| |
| وزیری ٤١٠ ص.
| |
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| |
| چاپ دیگر:
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| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۹۷ ش.
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| |
| وزیری، ۲۱۰ ص.
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| این جلد که ترجمه بخش دوم از جلد ششم متن عربی است از بحث متعه آغاز شده و سپس قسمت «نوادر الاثر في علم عمر »که بیش از صد نمونه از جهل عمر به مسائل دینی است آمده و سپس تا ذکر قصائد علاء الدین حلی در این جلد آمده است.
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| |
| == مشخصات و محتوای جلد سیزدهم ==
| |
| مترجم:اکبر ثبوت.
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| |
| چاپ سوم: ۱۳۶۳ ش.
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، ۱۳۵۶ ش.
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| وزیری، ۳۶۲ ص.
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| اين جلد از شعرای غدیر در قرن نهم آغاز شده تا بحث دربارۀ خالد بن ولید خاتمه یافته و در پایان هفده صفحه دربارۀ كتاب الغدیر و اهمیت آن سخن گفته است.
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| |
| == مشخصات و محتوای جلد چهاردهم ==
| |
| مترجم:اکبر ثبوت.
| |
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، ۱۳۵۶ش
| |
|
| |
| چاپ سوم: ۱۳۶۳ ش.
| |
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| |
| چاپ چهارم:
| |
|
| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۶۹ ش.
| |
|
| |
| وزیری ۳۹۲ ص.
| |
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| |
| در این جلد ابتدا مقدمه ای با عنوان «آنچه هنگام خواندن الغدیر باید به یاد داشت» آمده و سپس مباحث مربوط به ابوبکر مطرح شده و اواخر این جلد درباره ایمان حضرت ابو طالب علیه السلام است.
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| |
| == مشخصات و محتوای جلد پانزدهم ==
| |
| مترجم:اکبر ثبوت.
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، ١٣٥٦ ش.
| |
|
| |
| چاپ سوم: ۱۳۶۱ ش.
| |
|
| |
| چاپ چهارم:
| |
|
| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۷۰ ش.
| |
|
| |
| وزیری، ٣٧٦ ص.
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| |
| این جلد پس از ادامه بحث دربارۀ فضائل حضرت ابوطالب علیه السلام به فضائل ساختگی دربارهٔ ابوبکر و عمر و عثمان و نیز بدعت های آنان پرداخته است.
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| |
| == مشخصات و محتوای جلد شانزدهم ==
| |
| مترجم:اکبر ثبوت.
| |
|
| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، ۱۳۵۷ ش.
| |
|
| |
| چاپ سوم: ۱۳۹۳ ش.
| |
|
| |
| وزیری، ٢٦١ ص.
| |
|
| |
| چاپ چهارم:
| |
|
| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۷۰ ش.
| |
|
| |
| وزیری، ٢٨٤ ص.
| |
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| |
| این جلد ادامه بدعت های عثمان است و در خاتمه چند تقریظ درباره کتاب «الغدیر» به فارسی ترجمه شده است.
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|
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| == مشخصات و محتوای جلد هفدهم ==
| |
| مترجم:جلال الدین فارسی.
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، دار الكتب الإسلامية، تهران، ١٣٥٤ ش.
| |
|
| |
| وزیری، ۳۴۳ ص.
| |
|
| |
| چاپ سوم: ۱۳۶۳ ش.
| |
|
| |
| چاپ چهارم:
| |
|
| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۷۰ ش.
| |
|
| |
| در آغاز این جلد پس از آوردن چند تقریظ، بقیۀ بدعت های عثمان آورده شده است.
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|
| |
| == مشخصات و محتوای جلد هجدهم ==
| |
| مترجم:جلال الدین فارسی.
| |
|
| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، دار الكتب الإسلاميه، تهران، ١٣٥٥ ش.
| |
|
| |
| چاپ چهارم:
| |
|
| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۷۰ ش.
| |
|
| |
| چاپ دیگر: همان ۱۳۶۷-۱۳۹۷ ش.
| |
|
| |
| چاپ دیگر: همان ۱۳۷۶ ش.
| |
|
| |
| شابک: ۹ - ١٧٥ - ٣٠٩ - ٩٦٤.
| |
|
| |
| وزیری، ۳۲۷ ص.
| |
|
| |
| کارنامه نشر: ۷۶ بخش دین ۰۸۳
| |
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| |
| در این جلد ابتدا درباره قتل عثمان سخن به میان آمده و سپس فضائل جعلی او مطرح شده و در خاتمه فضائل جعلی ابوبکر و عمر نیز مورد بحث قرار گرفته است.
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| |
| == مشخصات و محتوای جلد نوزدهم ==
| |
| مترجم:جلال الدین فارسی.
| |
|
| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران ۱۳۵۶ ش.
| |
|
| |
| چاپ سوم: ۱۳۶۳ش.
| |
|
| |
| چاپ چهارم:
| |
|
| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۷۰ ش.
| |
|
| |
| چاپ پنجم: همان ۱۳۷۵ ش.
| |
|
| |
| وزیری ۳۱۲ ص.
| |
|
| |
| کارنامه نشر: ۷۵ بخش دین ۸۰
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| در آغاز این جلد چند تقریظ ترجمه شده و سپس ادامه بحث جلد قبلی درباره فضائل جعلی ابوبکر و عمر و عثمان مطرح شده است.
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| در ادامه بحث درباره فضیلت سازی برای معاویه مطرح شده و سپس دوران زندگی او تبیین گردیده است.
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| == مشخصات و محتوای جلد بیستم ==
| |
| مترجم:جلال الدین فارسی.
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| چاپ سوم:
| |
|
| |
| کتابخانۀ بزرگ اسلامی، تهران، بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۶۳ش.
| |
|
| |
| چاپ پنجم: همان، ۱۳۷۵ش.
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| وزیری، ۲۸۰ص.
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| |
| کارنامه نشر: ۷۵ بخش دین ۸۰.
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| این جلد دربارۀ بدعت ها و جنایات معاویه است و در خاتمه فضائل جعلی او مورد بحث قرار گرفته است.
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| == مشخصات و محتوای جلد بیست و یکم ==
| |
| مترجم:جلیل تجليل.
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| |
| چاپ اول:
| |
|
| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۶۵ش.
| |
|
| |
| چاپ سوم:
| |
|
| |
| بنیاد بعثت، تهران، ۱۳۷۳ ش.
| |
|
| |
| چاپ دیگر:
| |
|
| |
| بنیاد بعثت ،تهران، ۱۳۶۷ ش.
| |
|
| |
| وزیری، ۳۲۰ ص.
| |
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| |
| این جلد ادامۀ فضائل ساختگی معاویه است و در نیمه دوم این جلد به فضائل ساختگی درباره افراد دیگری که جعّالين ساخته اند صحبت شده است.
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| == مشخصات و محتوای جلد بیست و دوم ==
| |
| مترجم:جليل تجليل.
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| |
| کتابخانه بزرگ اسلامی، تهران، بنیاد بعثت، تهران، اول، ۱۳۶۵ ش.
| |
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| وزیری، ۳۵۲ ص.
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| این جلد دنباله شاعران قرن نهم است که از ضیاء الدین هادی آغاز می شود.
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| سپس شاعران قرن دهم، یازدهم و دوازدهم ذکر شده، و با ذکر سید بدرالدین از شعرای قرن دوازدهم پایان یافته است، که منطبق بر پایان جلد یازدهم الغدیر است.
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| با این جلد ترجمه نیز پایان می یابد.
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